भोजपुरी कविता – बाबू बालू खोट दिखाई |

भोजपुरी कविता – बाबू बालू खोट दिखाई |
सागर मे मोती मिलेला डूबी जे उहे पाई |
मेहनत क फल मीठा जे करी उहे खाई |
राजनीति किचर होला गोड़ डाल के देखा |
किचर कमल खिले सब मोदी ना बन पाई |
पीठ पीछे करे बुराई मुहवा खियावे मिठाई |
मुहवा बतियाई बुराई मइल सब धुली जाई |
नौ मन ना तेल होई न राधा नचिहे कबों |
मिताई चीन पाक भारत बाल न बांका होई |
का बरसा जब कृषि सुखानी बात सयानी |
पढे के बेरिया इंटा पाथे साहेब ना बन पाई |
आईला हरी भजन करे ओटन लगे कपास |
कहे दारोगा चोरी रोकब गिनन लगे पाई |
नाच ना आवे आँगन टेढा कड़वी बात कठोर |
पूल पुलिया भवन गिरा बाबू बालू खोट दिखाई |

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब -9955509286

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