भोजपुरी पारंपरिक होली गीत – ये किसन कन्हईया |
भोजपुरी पारंपरिक होली गीत – ये किसन कन्हईया |
होली मे करेला काहे बलजोरिया
ये किसन कन्हईया |
चुनरिया रंग देला मारी पिचकरिया
ये किसन कन्हईया |
केतनो लुकाई जहवा भाग जाई |
खोजी हरदम हमके रंगवा लगाई |
मनबा ना त कहब यशोदा मईया |
ये किसन कन्हइया |
जब हम जाई यमुना किनरवा |
लुकाई भिंगाई देला मोर अंचरवा |
छोड़ेना ना हमके केवनों ठहियां |
ये किसन कन्हइया |
गोरे गाल रंग देला कइसन ढंग बा |
छूटे नाही कबों श्याम अइसन रंग बा |
मुसकाई मरोड़ देला कोमल कलईया |
ये किसन कन्हइया |
मीठी फुसलाई बुलावेला ठीक नईखे आदत |
फोड़ी मटकी भिंगावेला बिना हमरे इजाजत |
बिना रंगवा रंगईली राधा श्याम रंग देहिया |
ये किसन कन्हइया |
श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286
कान्हा जी के संग होली का पर्व मनाती हुई बहुत सुन्दर रचना
हार्दिक आभार आपका गीता जी जय श्री राधे कृष्ण
बहुत सुंदर
हार्दिक आभार आपका
होली का आनंद- भोजपुरी रचना के संग
वाह
haardik abhaar apkaa
Beautiful poem
चुनरिया रंग देला मारी पिचकरिया
ये किसन कन्हईया |
—— बहुत सुंदर पंक्तियां, बेहद मधुर भाव को समाहित करती उच्चस्तरीय कविता।
हार्दिक आभार आपका पांडे जी जय किसन कन्हैया