मंज़र

“गौर से देख तू इस दिल के उजड़े मंज़र को,
है जो खंडहर कभी आबाद हुआ करता था..
वो जिसे ‘अदना सा शागिर्द’ लोग कहते हैं,
वो कभी इश्क में उस्ताद हुआ करता था..”

– प्रयाग

मायने :
मंज़र – दृश्य
अदना सा – मामूली/छोटा सा
शागिर्द – शिष्य

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