Categories: शेर-ओ-शायरी
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
मैं हारूँगा नहीं
थक चूका हूँ , पर हारा नहीं हूँ मैं निरंतर चलता रहूँगा आगे बढ़ता रहूँगा उदास हूँ ,मायूस हूँ पर मुझे जितना भी आज़मा लो…
किया प्यार तुमसे
किया प्यार तुमसे, मैं करता रहूँगा। रस्म- ए-वफा को निभाता रहूँगा।। किया……. सूरत तुम्हारी मैं दिल में बसाई । अपना बनाने की चाहत है आई।।…
यही सोचा मैं ज़िंदगी की बेहिसी पर ग़ज़ल कहूँगा
****** यही सोचा मैं ज़िंदगी की बेहिसी पर ग़ज़ल कहूँगा अज़ाब तेरे, तेरी अज़ीयत की चाशनी पर ग़ज़ल कहूँगा भटक रहा हूँ मैं कबसे तन्हा…
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