*मां की याद*

जब भी होती हूं उदास,
बहुत याद आती हो मां
याद आती हैं बचपन की बातें,
मेरे लिए जागती, तुम्हारी रातें
याद आता है….
तुम्हारा नई-नई बातें सिखाना,
कभी गुस्से से डांटकर,
वो चुपके से पुचकारना
बहुत याद आता है मां,
तुम्हारा स्नेह भरा हाथ
तुम्हारी वो मीठी बातें,
तुम्हारे कोमल स्पर्श का एहसास,
बहुत याद आता है मां..

*****✍️गीता

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Responses

  1. वाह क्या बात है, माँ की याद पर बहुत ही सुंदर रचना। कथ्य व शिल्प दोनों ही दृष्टि से अतिउत्तम रचना

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