Categories: मुक्तक
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शारदे वंदना
मां वीणा वादिनी का नमन करते हुए इस नये सफर की शुरुआत करता हूं मा शारदे मेरी मा शारदे सद्विचारो भरा हमको संसार दे…
गुरू
गुरू वन्दन गुरू वन्दन चरणों में करता हूं शीश झुका कर अभिनन्दन करता हूं मैं हूं बड़ा अभागा संसार में ज्ञान कि ज्योति जलाये रखना…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
माँ का दूध या सतनो का जोड़ा
************माँ का दूध या सतनो का जोड़ा ,किस नजर से देखे दुनिया सारी ********************** हमेशा देखा है राह चलते लोग रिश्तेदार यहां तक की अपने…
नवविवाहिता का पति को भाव–समर्पण…….
मेरे साजन तुम्हारा अभिनन्दन ————————————– मेरा सजने को है जीवन–आँगन मेरे साजन तुम्हारा अभिनन्दन… भाव–विभोर मेरे नैनन में स्वप्न ने ली अँगड़ाई है- जो लिखी…
👏👏
Nice
त्रुटियाँ हैं पर भाव अच्छे हैं
👏👏