Categories: मुक्तक
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मिठे बचन बोले
मिठे बचन सदैव बोलिए, सुख की उत्पत्ति होय । बसीकरन मंत्र जाप करें, जग का सदा हित होय ।। महेश गुप्ता जौनपुरी
वाणी
मानव का गहना है वाणी, वाणी का भोगी है प्राणी । मधुर वचन है मीठी खीर, कटु वचन है चुभता तीर । सद वचन है…
आइये प्रपोज़ करें
आइये प्रपोज़ करें अनंत ब्रह्माण्डों तक फैले हुए अपने ही ईश्वर को। जो जनक है प्रेम का। आइये प्रपोज़ करें अपनी ही आकाशगंगा को। जिसकी…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
आठवें वचन के साथ, गृहस्थ को अपनाता हैं…
छोटी-सी ज़िंदगी में, हर कोई अपने सपनें सजाता हैं। विवाह तो सभी करते हैं… वह फौजी हैं साहब, जो आठवें वचन के साथ गृहस्थ जीवन…
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