मुक्तक

फूल लताओं को समेट कर रखता मेरा गांव ,
नल कूप को सहेज कर रखता मेरा गांव ,
रिस्ते को मदमस्त खुशहाल रखता मेरा गांव ,
मिट्टी की खुशबू को सहेज कर रखता मेरा गांव ,

महेश गुप्ता जौनपुरी

Related Articles

Responses

+

New Report

Close