मुझको बचाओ मुझको पढ़ाओ

कन्या बचाओ
खुद कन्या कहती है-

मुझको बचाओ तुम मुझको बचाओ,
सपना नहीं अब हकीकत बनाओ,
बेटा और बेटी का फर्क मिटाओ,
बेटी बचाओ अब बेटी पढ़ाओ,
बेटे के प्रति प्यार और बेटी को समझें भार,
ऐसे लोगों की गलत सोंच भगाओ,
मुझको बचाओ तुम मुझको बचाओ,
रखने से पहले कदम ना मेरे निशाँ मिटाओ,
आने दो मुझको तुम सीने से लगाओ,
फैंको ना मुझको कचरे के देर में,
मारो ना मुझको तुम ममता की कोख में,
घर के अपने तुम लक्ष्मी बनाओ,
मुझको बचाओ तुम मुझको बचाओ,
कन्धे से कन्धा मिलाकर चलूंगी,
कभी तुमको नज़र मैं झुकाने ना दूंगी,
हाथों में मुझको तुम अपने उठाओ,
मुझको बचाओ तुम मुझको बचाओ,
दुनियां के रंग तुम मुझको दिखाओ,
मैं गर्व् से तुम्हारे सर को उठा दूंगी,
एक बार तो मुझमें तुम विश्वार जगाओ,
मुझको बचाओ तुम मुझको पढ़ाओ॥
राही (अंजाना)

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close