Categories: मुक्तक
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राष्ट्र का नेता कैसा हो?
राष्ट्र का नेता कैसा हो? जो रहें लिप्त घोटालों में, जिनके चित बसे सवालों में, जिह्वा नित रसे बवालों में, दंगा झगड़ों का क्रेता हो?…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
रिश्वत
खाद्य-निरीक्षक की चलती थी, रिश्वत से रोजी-रोटी लाला ने इन्कार किया तो, धमकी आ गई मोटी-मोटी लाला जी के होटल में, खाना बनता था शुद्ध…
नेता जी का सत्ता
नेता जी का सत्ता मैं इंसान हूँ इंसान ही रहने दो मुझे जनजाति में ना बाटो नेता जी कभी हिन्दू तो कभी मुश्किल का बाटाधार…
हमारे नेता
हमारे नेता…. हम भी बहुत मजबूर हैं साहब लात मार घुसा सह रहे हैं साहब गाली सुबह शाम खा रहे हैं साहब क्योंकि हमारे नेता…
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