ये जो जिन्दगी है ना..
ये जो जिन्दगी है ना,
बहुत ख्वाब दिखाती है।
कुछ ख्वाब होते हैं पूरे,
तो कुछ अरमान मिटाती है।
तोड़ कर दिल कभी किसी का,
उसको आंसू पिलाती है।
कभी किसी को,
बिन प्रयास ही खूब प्रतिष्ठा दिलाती है।
पता ही नहीं चलता है,
ये जिन्दगी क्या-क्या दिखलाती है॥
______✍गीता
कभी किसी को,
बिन प्रयास ही खूब प्रतिष्ठा दिलाती है।
पता ही नहीं चलता है,
ये जिन्दगी क्या-क्या दिखलाती है॥
—– सच्ची प्रस्तुति। अति सुन्दर लेखन
उत्साहवर्धक और प्रेरक समीक्षा हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद सतीश जी
बहुत खूब
ज़िन्दगी का सच्चा चित्रण
सुंदर समीक्षा हेतु बहुत-बहुत धन्यवाद भाई जी🙏