Categories: मुक्तक
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चल पड़े हैं वीर देखो शरहद की ओर
लेके काँधे पे बन्दूक दिल में देशप्रेम अटूट चल पड़े हैं वीर देखो शरहद की ओर। न हीं जीवन की मोह न हीं परिजन बिछोह…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
माँ का दूध या सतनो का जोड़ा
************माँ का दूध या सतनो का जोड़ा ,किस नजर से देखे दुनिया सारी ********************** हमेशा देखा है राह चलते लोग रिश्तेदार यहां तक की अपने…
हे कर्मवीर हे धर्मवीर
हे कर्मवीर हे धर्मवीर हे परमवीर तुम शौर्य महान, हेभारत मा के वीर सपूत इस देश के लिए कुर्बान है जान बलिदान तेरा न व्यर्थ…
रक्षक
रक्षक रक्षक ही भक्षक हो गये है अपने ही भारत देश में भ्रष्टाचार फैलाते है काली चादर ओढ कर इमानदारी का परिचय देकर रक्षक ही…
नाइस
वीररस और आज परिपूर्ण पंक्तियाँ, वाह
राफेल की भेंट।
वीर रस और कवि की देशभक्ति को दर्शाती हुई रचना