रौनक बढ़ा देते हो
प्याज तुम
आँसू निकाल देते हो
फिर भी भाते हो
क्योंकि
स्वाद बढ़ा देते हो।
प्रेम तुम खुशियां
भी देते हो,
आँसू भी देते हो,
लेकिन जिन्दगी की
रौनक बढ़ा देते हो।
प्याज की कई
परतों की तरह,
जज्बात छिपाए रखते हो
भीतरी परत तक का
साथ निभा देते हो।
बहुत सुंदर रचना
बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत सुंदर
सादर धन्यवाद
यही तो करिश्मा कुदरत का है। अति उत्तम चित्रण है।
बहुत बहुत धन्यवाद
प्याज की कई
परतों की तरह,
जज्बात छिपाए रखते हो
भीतरी परत तक का
साथ निभा देते हो।…
…… प्याज के माध्यम से कवि ने मानव हृदय की भावनाओं को व्यक्त किया है.. साधारण से प्याज के उदाहरण से कवि सतीश जी ने बहुत ही असाधारण और सच्ची बात कह दी है, यही तो कवि की विशेषता है… लाजवाब लेखन