रौशनी …
ये पथ ले जाएंगे, लक्ष्य तक जरूर
मत छोड़ना मनुज तू अपना गुरूर
हौसले बुलंद ही रखना तू सदा,
अंधेरों के बाद ही आती है रौशनी….
*****✍️ गीता*****
ये पथ ले जाएंगे, लक्ष्य तक जरूर
मत छोड़ना मनुज तू अपना गुरूर
हौसले बुलंद ही रखना तू सदा,
अंधेरों के बाद ही आती है रौशनी….
*****✍️ गीता*****
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बहुत खूब, निराली प्रतिभा
बहुत सारा धन्यवाद है ईशा जी..
सच्ची कविता वही होती है जो हौसला बुलंद करे। आपकी ये पंक्तियां हौसला बुलंद करने को प्रेरित कर रही हैं। वाह
कविता के भाव को समझने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏 समीक्षा हेतु आपका बहुत बहुत आभार ।
सुन्दर अभिव्यक्ति
धन्यवाद जी
वाह वाह
बहुत बहुत धन्यवाद आपका भाई जी 🙏
बहुत ही सुन्दर कविता, wow
Thank you so much Kamla ji 🙏, for your precious compliment.
अदभुत रचनाशीलता है।
“हौसले बुलंद ही रखना तू सदा,
अंधेरों के बाद ही आती है रौशनी….”
बुलंद हौसले रखने की प्रेरणा देती बहुत ही सुंदर कविता की सृष्टि हुई है। उच्चस्तरीय भाव है। “पथ ले जाएंगे लक्ष्य तक जरूर” में निराशा रहित होकर बढ़ते रहने का उत्तम भाव है। सीधी व सरल भाषा में बेबाक प्रेरणा देती बेहतरीन पंक्तियाँ।
इतनी सुन्दर समीक्षा सर , इतनी सुन्दर समीक्षा हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद सतीश जी । आपकी प्रेरणाओं से ही मुझे लेखन क्षेत्र में बहुत प्रेरणा और नवीन ऊर्जा मिलती है। अभिवादन सर।
जितनी तारीफ की जाए कम है। बहुत बढ़िया
Thank you very much sir for your valuable comment 🙏
प्रेरणा देती हुई बहुत शानदार कविता है गीता keep it up
Thanks Allot seema
बहुत सुंदर भाव
बहुत बहुत धन्यवाद मोहन जी
सकारात्मक भावनाओं को प्रेरित करती हुई सुंदर पंक्तियां
समीक्षा के लिए बहुत बहुत शुक्रिया प्रतिमा जी