वक्त हमारा है

हम कहते रहे वक्त हमारा है
जब ठोकर लगी तब ख्याल आया
ज़माना सही कहता है
वक्त न हमारा है न तुम्हारा है
उसे तो बस चलते ही जाना है
हम इन्सान क्यों नही
वक्त के संग समझौता करते है ?
हम अपने जीवन में काश!!!!
वक्त के संग कदम से कदम
मिला के चले तो गर्व से कहेंगे
देख -आज भी वक्त हमारा है।

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Responses

  1. बहुत सुन्दर विचार,
    वक्त के साथ कदम मिलाकर चलने से वक्त क्या ये युग भी हमारा हो सकता है।
    और कुछ विचार रखिये आते रहिये

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