Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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बहुत खूब बहुत सुंदर पंक्तियाँ
धन्यवाद।
बहुत सुंदर लिखा है अमित जी आपने, बहुत खूब
धन्यवाद
बहुत सुंदर रचना
धन्यवाद
बहुत सुन्दर विचार,
वक्त के साथ कदम मिलाकर चलने से वक्त क्या ये युग भी हमारा हो सकता है।
और कुछ विचार रखिये आते रहिये
शुक्रिया प्रज्ञा जी।
नमस्कार