वो शक्ति दे
दूर कर देना
बुरी आदत मेरी मेरे मौला,
किसी को दर्द न दूँ
बल्कि उत्साह दूँ मेरे मौला।
बह रहा हो
हताशा की
नदी में गर कोई,
उसे उबार लूँ
वो शक्ति दे मेरे मौला।
डूबते को नजरअंदाज
कर पाऊँ नहीं,
मदद कर लूँ
बिना उसके मैं रह पाऊँ नहीं,
वेदना दूर करने में
रहूँ रत रात दिन,
इस तरह सार्थक सी
भक्ति दे मेरे मौला।
दूर कर देना
बुरी आदत मेरी मेरे मौला,
किसी को दर्द न दूँ
बल्कि उत्साह दूँ मेरे मौला।
Great sir jee
Nice very nice
दूर कर देना
बुरी आदत मेरी मेरे मौला,
किसी को दर्द न दूँ
बल्कि उत्साह दूँ मेरे मौला।
________ प्रभु से अपनी कोई बुरी आदत दूर करने की और किसी को कभी भी दर्द ना देने की प्रार्थना करती हुई कवि सतीश जी की बेहद शानदार रचना, दूसरे को उत्साह देने के बहुत सुंदर भाव और बहुत सुंदर अभिव्यक्ति के साथ बेहद उम्दा लेखन.. लेखनी की क्षमता को अभिवादन
बहुत खूब
सुंदर