शत शत नमन है भूमिपुत्र को
जय हो कृषक, जय हो किसान,
भारत मां का तू सम्मान
“लॉकडाउन” की मजबूरी में,
महंगे दामों बेच रहे थे,जब साहूकार अपना सामान
तब भी भूमिपुत्र ने अन्न दिया,
अधिक दाम भी नहीं लिया
शत शत नमन है उस हलधर को,
जो कर रहा देश को अन्न दान
तू इस मिट्टी की पहचान,
भारत मां की तू है शान
भूखा ना रहे कोई भी घर,
प्रयत्न कर रहा है हलधर
Nice
Thank you 🙏
अन्नदाता किसान का सुंदर चित्रण है वाह
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
अन्नदाता किसान पर लिखी गई यह पंक्तियां मेरे ह्रदय को बहुत ही सुंदर व हृदय विदारक लग रही हैं
Nice poem
Thank you Kamla ji🙏
बहुत खूब
धन्यवाद पीयूष जी 🙏
Waah very nice
धन्यवाद इन्दु जी 🙏