सर्दी की धूप

सर्दी की धूप बड़ी सुहानी
सेवन कर प्राणी सुखदाई ।
चेतन जीव की क्या कहिये
सुख जड़ जात भी पाई।।
ठण्ड हरे नित जीव जगत के
अमराई नित भोजन पावै।
विनयचंद विटामिन डी से
अश्थि सबल बन जाते।।

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Responses

  1. “विनयचंद विटामिन डी सेअश्थि सबल बन जाते।।”
    विटामिन डी के बारे में बताती हुई कवि विनायचंद शास्त्री जी की बहुत ही सुन्दर रचना । सर्दियों की धूप पर बहुत अच्छी कविता, भाई जी

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