स्लो जनरेशन का अज्ञानी

इन घड़ी वालों के पास वक़्त कहाँ है
इनकी बातों में वो बात अब कहाँ है
जिंदगी आसान करने के फंडे ढूंढते ढूंढते
छप्पर तो अभी भी है, उठवाने वाले हाथ कहाँ है।

इस अंधी दौड़ में, पर्दे में है सबकी आंखे
किसी छप्पर फटने के इंतजार में सबकी बाहें
दूरी कम करने में कमर कस के लगे है मगर
पास रहने वालों के भी पास आते कहाँ है।

जन्मदिन याद रखने को ‘कलैंडर’ ढूंढते है
लोरी अब बच्चे ‘मोबाइल’ पर सुनते है
जमाना बदल गया साहब फिक्र मत करिए
दोस्ती के लिए ‘राइट स्वाइप’ है ‘राइट चॉइस’ कहाँ है।

पिछली ‘जनरेशन’ ‘स्लो’ थी,अब ‘लवली ग्लो’ है
बताया था याद नही रहा, प्यार कितने रुपये किलो है
‘फिगर कॉन्शियस’ माएँ अब दूध डब्बे का लाती है
बच्चों की गर्लफ्रेंड रूठी है ‘कॉकटेल’ में, बचपन कहाँ है।

खैर अच्छा हुआ मैं बूढ़ा हो लिया जल्दी
अनसुना करो, इन बातों में अब कोई ज्ञान कहाँ है।

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close