Categories: शेर-ओ-शायरी
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मेरे गांव में होने लगा है शामिल थोड़ा शहर:द्वितीय भाग
======= हाल फिलहाल में मेरे द्वारा की गई मेरे गाँव की यात्रा के दौरान मेने जो बदलाहट अपने गाँव की फिजा में देखी , उसका…
मेरे गाँव में होने लगा है शामिल थोड़ा शहर [प्रथम भाग】
इस सृष्टि में कोई भी वस्तु बिना कीमत के नहीं आती, विकास भी नहीं। अभी कुछ दिन पहले एक पारिवारिक उत्सव में शरीक होने के…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार
बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार सब सर नवाते हैं, तेरे दर पर मेरे राम कोई तुझसे क्या माँगे, तुम किसी को क्या देते हो…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
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थैंक्स
Nice
Thanks
👌
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Great
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बहुत बढिया लिखा है
Thanks
Nice
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धन्यवाद
Good
धन्यवाद