Categories: मुक्तक
Related Articles
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
एक शहर मे तीन मित्र
एक शहर मे तीन मित्र रहते थे,तीनो मे बहुत गहरा मित्रता थी, एक का नाम गौरव जो शांत-सोभाव के थे उनको गीत गाना गुनगुना कविता…
मित्र प्रेम
लघुकथा-मित्र प्रेम दुनिया में अगर कोई उदाहरण है तो मित्र प्रेम उदाहरण सबसे मर्मस्पर्शी है ।बात उन दिनो की है जब कुलदीप और प्रवीण साथ…
वीर भगत सिंह
वीर शहीद भगत सिंह भगत सिंह सुखदेव राजगुरु थे वीर बहादुर आजादी के तराने के लिए झूल गये फांसी पर भारत मां का नारा लगा…
👌
True