रिवायत
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अज़ब दुनिया गज़ब ज़माना है।
ज़ख्म खा कर भी मुस्कुराना है।।
आँधी में टूट कर जो बिखरे हैं।
उन घरोंदों को फिर सजाना है।।
क़ब्ल में दफ़्न कर दिया जिसको।
फिर उस उम्मीद को जगाना है।।
रिश्ते जो जाने क्यूँ बिखर से गए।
बिगडे रिश्तों को फिर बनाना है।।
अज़ब दुनिया गज़ब ज़माना है।
ज़ख्म खा कर भी मुस्कुराना है।।
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@deovrat 02.10.2019
क़ब्ल=पहले से
Nice
जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया
Wah
जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया
🙏🙏🌺🌺
जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया
वाह बहुत खूब
जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया
Wah
जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया
जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया
Good
Thank you so much
वाह जी वाह
ji shukriya aapka
सच