Ghazal
जिनके अल्फाज़ आईने के तरह साफ होते हैं,
जमाने की हवा उनके खिलाफ होते हैं।
औरों के काम को वहीं आग का नाम देते,
जिनके आवाजों में अक्सर उबलते भाप होते हैं।
जंगल का नाग हो तो रास्ता बदल लू,
वो कितना बचें जिनके घर विषैले सांप होते हैं।
जमाने से सच बोलने के लिए कसमें वहीं उठवाते,
जो अपने एक झूठ पर कई झूठ का हिजाब देते हैं
बहुत बेहतरीन
धन्यवाद सर
Nice
Thank you
Good
Thank you sir
Very nice
Thank you dear
Good
Thank you
Nnice
Thank you
Nice
Thank you di
वाह बहुत सुंदर
Thank you
उम्म्दा