Categories: भोजपुरी कविता
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भोजपुरी कविता – तड़पत रही हम दिनरात |
भोजपुरी कविता – तड़पत रही हम दिनरात | रिमझिम बरसत बा बरसात | तड़पत रही हम दिनरात | पिया बिना बुनीया ना सुहात | तड़पत…
तोहरे बिन ज़िनिगिया
भोजपुरी काव्य :- तोहरे बिन ज़िनिगिया सूनल बा हमार …. केकरा से हम बोलब बतियाइब केकरे संग ज़िनिगिया बिताइब तोहरे बिन ज़िनिगिया सूनल बा हमार….…
नटखट, ओ लल्ला मोरे
नटखट, ओ लल्ला मोरे तू काहें मोहे खिझायों। संग सखा तू पुनि-पुनि मटकी पर नज़र लगायो।। सब ग्वालन से मिलकर झटपट माखन खायो। नटखट ओ…
प्रार्थना
घऽरे में रहबय कतेक दिन पिया ई कोरोना कें डऽर सॅ। बाल बच्चा सुरक्षित रहथि सदा तेॅ न निकसब घऽर सॅ।। भुक्खल नेना भुक्खल हमसब…
“दरद” भोजपुरी कविता
बहूत डरावना भयानक रात देखनी हइ जब ओके आज असपताल के एगो कोना मे चिखत रहे लेके धिरे धिरे सास दरद पिडा के रहे समूंदर…
वाह बहुत सुंदर
Thanks
सुन्दर रचना 👏👏
🙏🙏
Nice
🙏🙏
सुंदर पंक्तियां