Categories: मुक्तक
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
जो आत्मनिर्भर है
1 जो आत्मनिर्भर है, उन्हें आत्मसम्मान की शिक्षा दे रही हैं क्यूँ हमारी सरकार? मजदुर अपने बलबूते पर ही जिन्दगी जीते, ये जाने ले हमारी…
भोजपुरी सरस्वती वंदना – मईया दया कईदा |
भोजपुरी सरस्वती वंदना – मईया दया कईदा | रात दिन मईया तोहरे नामवा के जापी , हमपे दया कइदा | तनी देतु दर्शनवा मईया दया…
करो परिश्रम ——
करो परिश्रम कठिनाई से, जब तक पास तुम्हारे तन है । लहरों से तुम हार मत मानो, ये बात सीखो त जब मँक्षियारा नाव चलाता,…
विश्व समर जीत
जाग हे पार्थ जाग तू, दे काल को अब मात तू, काल के कपाल पर अमिट रेखाएं खींच, अब तू काल समर जीत। स्वयं के…
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