Kahte the log

समय नहीं समय नहीं यह कहते थे लोग,
लगता था यह ज़िन्दगी बन गयी एक बोझ.
जीवन यूँ ही काम करते हुए बीत जायेगा,
अपना बस नाम का ही अपना रह जायेगा.
समय एक सा ही नहीं रहता है हरदम,
इसी आस में बीत जाता हर एक का जीवन.
सपनो को संजोये ही चला जाता हर मानव,
गुलाम बनाये रहता नौकरशाही का दानव .
हर घटना आती है एक नया सन्देश लिए,
अपनों के साथ भी जी एक नया उपदेश दिए.
सुख हो या दुःख जी लेंगे ज़िन्दगी का हर पल,
मत हो उदाl यह दुरी भी होगी बीता कल.

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