Categories: शेर-ओ-शायरी
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पिछले साल की बात 2020 का एक वक़्त वो भी था, एक वक़्त वो भी था, जब हम अजनबी हुआ करते थे, एक वक़्त वो…
अपहरण
” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
शायरी संग्रह भाग 1
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सुन्दर अभिव्यक्ति
Thank you ji
Nice
सादर आभार सहित धन्यवाद भाई जी 🙏
True line
Thank you very very much 🙏
बहुत खूब, दो पंक्तियों में बड़ी बात, वाह
हौसला अफजाई के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया जी 🙏
बहुत खूब, बिल्कुल सच
सादर आभार सर🙏
Bahut khoob
Thank you Isha ji
Very nice
Thank you Piyush ji 🙏
वक्त की कदर जरुरी होती है waah
कविता का भाव समझने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद इन्दु जी 🙏