विचारधारा

परम सौंदर्य है सादगी, क्षमा उत्कृष्ट बल ।
अपनापन अत्युत्तम रिश्ता, परिश्रम तकलीफों का हल ।

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Responses

  1. क्या बात है, बहुत खूब, “अपनापन अत्युत्तम रिश्ता,” ,में आनुप्रासिक अलंकरण से सुसज्जित, भाव प्रधान पंक्तियाँ, गागर में सागर है। यही खूबी है आपकी जो लिखा सटीक, लयबद्ध, अलंकारिक और स्तरीय लिखा, वाह।

    1. बहुत बहुत धन्यवाद आपका सतीश जी 🙏 इतनी सुन्दर समीक्षा के लिए आपका हार्दिक आभार ।आपकी समीक्षाएं बहुत प्रेरक हैं, मुझे लेखन में बहुत उत्साह प्रदान करती हैं ।

    1. अरे, इस सुंदर समीक्षा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद सुमन जी 🙏
      बहुत बहुत आभार आपका ।

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