मास्क लगाना है
*****हास्य रचना*****
कल शाम को
बाज़ार गई थी
लाने को अपना कुछ सामान
सात महीने पहले सिलाया ,
नया सूट पहना,
लॉक डाउन ना होता तो
अब तक तो हो जाता वो पुराना
पहले चुनरी उठाई
चेहरे पे थोड़ी क्रीम लगाई
लिपस्टिक लगाने को,जैसे ही उठाई
ओह, मास्क भी लगाना है
ये बात याद आई
बेचारी लिपस्टिक अभी तक रो रही है
सात महीने में तो उठाई थी,
पता नहीं क्यूं कर गई मुझे
इग्नोराय नमः
*****✍️गीता
वाह वाह, बहुत खूब
Thank you so much Kamla ji for your valuable compliment 🙏.
यह कवि गीता जी की बहुत सुंदर हास्य रचना है। हास्य के साथ साथ यथार्थ समाया हुआ है। बहुत खूब वाह
बहुत बहुत धन्यवाद आपका सतीश जी 🙏 हास्य कविता आपको अच्छी लगी इसके लिए आपका हार्दिक आभार.
वाह! बहुत खूब
बहुत सारा धन्यवाद प्रज्ञा
Wah
धन्यवाद अनु जी
अतिसुंदर
सादर धन्यवाद भाई जी 🙏