Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: संपादक की पसंद
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प्रेम
मेरी लेखनी में अभी जंग लगा नहीं। प्रेम के सिवा दूजा कोई रंग चढ़ा नहीं। प्रेम में लिखता हूँ, प्रेम हेतु लिखता हूँ। प्रेम पर…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
Likhta hoon
जो दिल में उतर जाए ऐसे जज़्बात लिखता हूँ, रातों की नींदें चुरा ले ऐसे ख्वाब लिखता हूँ। हकीम नहीं हूँ मैं कोई साहब, पर…
उड़ान भरने दो::आनंद सागर
इस मंच से जुड़े सभी काबिल रचनाकारों के नाम- ****उड़ान भरने दो**** अपनी आगोश में ये आसमान भरने दो, ये नये परिन्दे हैं,इन्हें उड़ान भरने…
लघुकथा
( लघुकथा ) एक गरीब महिला अपने परिवार के साथ एक टुटी झोपड़ी में रहती थी उसके परिवार में एक बेटी और एक बेटा था…
सोच तारीफ़ ए क़ाबिल है।
बहुत खूब
गरीबों के भावों को व्यक्त करती हुई कवि सतीश जी की बेहद मार्मिक अभिव्यक्ति
बहुत खूब