*शिल्पकार*
कवि नहीं शिल्पकार हूँ मैं !
एक ऐसा कवि,
जो कागज पर
अपनी भावनाओं भरी कलम से
शब्दरूपी
नक्काशी करता है..
जिसकी सुंदरता सिर्फ
नेत्रों से दिखाई ही नहीं पड़ती
बल्कि हृदय से महसूस भी होती है…
कवि नहीं शिल्पकार हूँ मैं !
एक ऐसा कवि,
जो कागज पर
अपनी भावनाओं भरी कलम से
शब्दरूपी
नक्काशी करता है..
जिसकी सुंदरता सिर्फ
नेत्रों से दिखाई ही नहीं पड़ती
बल्कि हृदय से महसूस भी होती है…
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वाह लाजवाब अभिव्यक्ति , कविता और कवि की इस से सुंदर परिभाषा तो हो ही नहीं सकती ।आपकी लेखनी से निकला एक-एक शब्द सत्य की कसौटी पर खरा उतर रहा है । बहुत ख़ूब
इतनी प्यारी समालोचना के लिए आभार
वाह बहुत ही लाजवाब
धन्यवाद
Very beautiful
Thanks dear
Very good
अतिसुंदर