Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
अपहरण
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कोई चांद बुझाना
हम जमाने से हैं तंग तंग हमसे जमाना अंधेरा ओढ़ती हूं कोई चांद बुझाना। पैरों के नीचे की जमीं भी छीन ली सबने लटकी हूं…
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कोरोना वायरस काल २०२० —– — —— – ———— कोरोनावायरस दुनिया को अपने आगोश में लेता जा रहा था बात अप्रैल माह की कर रहा…
बेवफ़ाई समझी नहीं वफ़ा वफ़ा करने लगे।
बेवफ़ाई समझी नहीं वफ़ा वफ़ा करने लगे। जरा सी चोट खाई नही दवा दवा करने लगे।। , नासमझ हो तुमने काँटे है जंगल पे जंगल।…
बहुत खूब
Thanks
वाह
Welcome Sir
बहुत खूब भाई जी
समीक्षा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
वाह वाह, बहुत सुंदर पंक्तियां
शुक्रिया अमिता जी।
क्या बात है बहुत खूबसूरत
आपकी समीक्षा के लिए बेताब रहता हूँ।