खुद को कमतर आंक मत(कुंडलिया)
खुद को कमतर आंक मत, खुद पर रख विश्वास, दूर रह उन चीजों से, जो देती हों त्रास, जो देती हों त्रास, मार्ग तेरा रोकें जो, उनसे मत कर नेह, तुझे कमतर मानें जो। कहे कलम तू प्यार, कर ले पहले खुद से मुश्किल सारी दूर, रहेंगी खुद ही तुझसे। ************************* करना हो विश्वास जब, खुद में कर विश्वास। बिना कर्म के फल खाऊँ, ऐसी मत कर आस। ऐसी मत कर आस, कर्म ही सर्वोपरि है, कर्म बिना इंसान, स्वयं का ही तो अर... »