हर दम रहें वो अच्छे
कैसे हो पूछता हूँ कहते हैं खूब अच्छे हर बार पूछता हूँ, कहते हैं खूब अच्छे। भीतर का दर्द जो है वो भी बता न…
कैसे हो पूछता हूँ कहते हैं खूब अच्छे हर बार पूछता हूँ, कहते हैं खूब अच्छे। भीतर का दर्द जो है वो भी बता न…
कूलंकषा बहती रही, निज राह में, किस चाह में, साथ बहते रहे कण पर न जाने किस चाह में। बीतता चलता रहा क्षण निरंतर राह…
गा रहे गीत ये विहग प्यारे न जाने कौन सी हैं भाषाएं मस्त हैं खेलते हैं आपस में न कोई गम न कोई आशाएं।
नफरतों ने दिशा बदल डाली मन घिरा जाल में स्वयं अपने बांटी नफरत तो पाई नफरत थी फिर भी मन में रही है कुछ गफलत।…
मन के घोटक में बैठ कर दौड़ा किस दिशा में कहाँ चला राही, इस तरफ उस तरफ धरा-अंबर आया क्या हाथ में बता छनकर। खूब…
अब भी ऐसे ख्याल आते हैं बिछुड़े गम गीत बन के आते हैं, जो फिसल कर गिरे थे हाथों से दाने मडुवे के गिरा जाते…
उलाहना के भाव पढ़ लो ना घट रही दूरियां बढ़ा लो ना, हाँ कहो ना कहो जरा बोलो उठ रहा दिल में जो बता दो…
पूरब को पत्र भेजा, पश्चिम पहुँच रहा है, भेजी जिसे मुहब्बत नफरत समझ रहा है। खाली पड़ी थी थैली भर दी थी उसमें दौलत हम…
आँचल में तेरे ओ माँ! कितना स्नेह है ना, सब कुछ भरा हुआ है मन में तेरे दुआ है। तेरी दुआ से ओ माँ! हर…
सुन्दर हरीतिमा यह फैली हुई धरा में, देती सुकून मन को, लगता है हूँ हरा में। लहलाते पेड़ डाली महकी हुई धरा में देती सुकून…
नयनों की पुतलियां झपकी अनेक बार हृदय की धड़कनें धड़की अनेक बार, पंजों के मोड़ जाने कब-कब खुले जुड़े सच्चे के सामने कब कर खुले…
धूल उड़ रही है बरसात में भी, कशिश रह गई है मुलाकात में भी। दिन लग रहा है इस रात में भी, बिछुड़े से लग…
आगे बढ़ने की ललक में घमंड आड़े आता है, इंसान बढ़ना चाहता है दम्भ आड़े आता है। जिसके भीतर बारिश तो हो पर दम्भ उग…
फुरसतों के पल न जाने हैं कहाँ आजकल गर वो होते तो हमें मिलते जरा मुश्किल के हल। खूब बारिश हो चुकी सूखे पड़े हैं…
तब की बातें अलग थी जब हम भी बिना पते के, पाती लिखा करते थे। बुझते हुए दीये को बाती दिया करते थे। हम सादा…
ख्वाहिशें मेरी मुझे स्वप्न नित दिखाती हैं एक पूरी हुई अन्य उभर आती हैं। जिनको मालूम नहीं पता मेरी निगाहों का नैन के तीर मेरे…
तुम ककड़ी सी शीतल मैं नमक सा स्वाद, मिर्च सी बहस से होता है विवाद। मुहब्बत नहीं है अपवाद क्यों करना समय बर्बाद आओ स्नेह…
सीमा में तैनात सिपाही तुझे सलाम है, देश के लिए की जा रही तेरी सेवा बेमिसाल है। सीमा सुरक्षित है तब हम सुरक्षित हैं, तू…
वो न जाने क्यों अपना लगता है, कभी बीते कल में देखा सपना लगता है। तुम कुछ भी कहो गाओ बजाओ, लेकिन मुझे सबसे अच्छा…
खुशफहमियाँ पास रख लो गलतफहमियाँ दूर कर लो, पावन रखो हृदय नफरत दूर रख लो। नफरत का कड़वापन, द्वेष की दीवारें, तोड़ कर मिल लो…
कुर्सी आप भी निराली हो, तरह तरह के लोगों के लिए तरह-तरह की छवि वाली हो। अलग-अलग लोग अलग अलग तरह की कुर्सी, छोटी-बड़ी, कच्ची-पक्की…
लड्डू कितने मीठे हो तुम गोल-गोल, पीले-पीले, लाल-लाल बेमिसाल। गणपति के प्यारे हो, रसना के दुलारे हो, खुशियों के सहारे हो, खुशी में प्यारे हो,…
पितृ पक्ष आया है श्रद्धा का पक्ष है, विस्मृति पर अब स्मृति लानी है। उन्हें याद करना है जन्म दे गए जो, पाल-पोस कर हमें…
फूल करेले के हैं फल बहुत कड़वे हैं, पाने तुझे ओ मंजिल ! छिल गए तलवे हैं। खूब बारिश हुई मुहब्बत की, आ गई बाढ…
फूल करेले के हैं फल बहुत कड़वे हैं, पाने तुझको ओ मंजिल ! छिल गए तलवे हैं। खूब बारिश हुई मुहब्बत की, आ गई बाढ…
अब धीरे-धीरे समेटने लगी है वह अपने साजो – सामान को, तपती गर्मी से झुलसती धरती को नहलाने आयी थी, प्यासे प्राणियों को खूब पानी…
गुनगुना दे कोई तराना तू, सीख ले प्यार को निभाना तू। अपने मन को पहुंचने दे मुझ तक, दूर से मत मुझे लुभाना तू। कोरे…
भारत देश हमारा, खूब फले-फूले, चारों तरफ हरियाली हो जन मन में खुशहाली हो, महके आँगन आँगन महक उठे कोना कोना, खुशियों का उगना खुशियों…
कविता तुम ही तो साथी हो, संवेदना हो, प्रेम हो, लगाव हो, जुड़ाव हो, भावों का प्रवाह हो। बिछुड़न की आह हो, दिल की चाह…
मन तेरे से पहले भी संसार अपनी मस्त चाल चलता था बाद में भी संसार अपनी गति में चलता जायेगा। सुबह, दोपहर शाम अपनी गति…
सुबह तुम बहुत मनोहर हो, शीतल, शांत, साफ हो बहुत मनोरम हो। उड़गन का चहचहाना हो नए फूलों का खिलना हो, नई किरणों से मिलना…
विष मेरे भीतर जमा मत जमा होना, तनिक भी नहीं, जरा भी नहीं। न चाह कर भी तू बिछाने लगता है परतें, जिससे शिखर के…
हिंदी दिवस 14 सितंबर आज मनाया जाता है, राजभाषा बनी थी हिंदी, भारत के मस्तक की बिंदी, इस बिंदी की चमक बढ़ाने दिवस मनाया जाता…
हिंदी दिवस आया है मित्रों, आपको शुभकामना, खूब फूले खूब खिल जाये यही शुभकामना। यह हमारी शान है पहचान है, अभिमान है। वाङ्गमय में है…
हिंदी दिवस की है बधाई खूब सारी आप सबको, मातृभाषा के दिवस की है बधाई आप सब को। आज के ही दिन बनी थी राजभाषा…
नहीं भुलाता है मन दर्द मिला हो जिस पथ चल रहे थे स्वयं की गति में छिला था कंटक बन पग। लहूलुहान हो गया था…
तुम्हारी तरह खूबसूरत, हरियाली, खुशहाली चारों तरफ, खिली हुई है, प्रेम की हवा चल रही है, दर्द की दवा बन रही है, यूँ ही दिखते…
कुछ तो करना होगा बेरोजगारी को मिटाने के लिए कुछ नई नीतियाँ कुछ नए प्रयास, करें जिससे युवा अहसास कि जीवन की गाड़ी वो भी…
एक जैसी नहीं रहती परिस्थितियां सुधरती हैं बिगड़ती हैं परिस्थितियां परिस्थितियां हैं जिनसे हर प्राणी जूझता आया उन्हीं ने है तपाया और खरा सोना बनाया…
उम्मीद छोड़ कर तुम थक हार कर न बैठो जब तक न पा सको तुम तब तक न हार बैठो। पाने का यदि इरादा सचमुच…
नींद भी आखिर बनाई क्या रब ने पूरा इंसान खो जाता है, दिन भर संघर्ष करता है रात को सो जाता है। कभी-कभी असलियत में…
मौसम तुम भी बदलते रहे, बदलते रहे। कभी सुखा गए, कभी अंकुर उगाकर फूल खिलाकर फल लगाकर, फल पकाकर, बांट गए। फिर पतझड़ बना गए।…
गुलाब खिल जाना, सुंगध मिल जाना हवा चले जब भी, पात हिल जाना, पता चले कि गीली मिट्टी है, भावना लिख दी है, कहीं है…
सोच बिंदास है आपकी दान है यह महा दान है, दान अंगों का करने की सोच का दिल से सम्मान है। मुक्ति की चाह में…
जमाना खराब है, भरम पाल बैठा हूँ। आगे सुधार होगा, आशा में बैठा हूँ। गलत ही गलत है, नहीं कुछ सही है, सब कुछ गलत…
कोपल दया की अब तो, उग जा, नमी नमी है, बरसात का यौवन, किस बात की कमी है। अब तो हवा भी सूखी-सूखी नहीं है…
सावन उन्हें भिगो दे सूखे पड़े हैं जो दिल राही हैं प्रेम के जो मिल जाये उनको मंजिल। मुस्कान उनके लब पर उस वक्त जाये…
न्याय जरूर करेगी यहाँ की अदालत, गर अपना पक्ष रख सकेगा मन, अन्यथा ऊपर रब की अदालत है तो सही, वो न्याय दे देगी, यदि…
मुस्कुराहट फूल का ही रूप है मुस्कुराओ और खुशबू को बिखेरो खुद रहो खुश और सबको प्रेम दो नफरतों को छोड़कर बस प्रेम दो। खूब…
बूंदें टपक रही हैं नभ से सावन आया है जब से कोपल फूटी है चाहत की सावन आया है जब से। जिनकी राहें देख रहे…
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