लेखन सम्मान

लिखने पर जब इतना सम्मान मिला तो समझ आया, हुनर बेकार नहीं जाता। जिगर में जलाए रख गम का चिराग सच्चा आँसू बेकार नहीं जाता।

संगमरमर

श्याम ने बंसी नहीं बजाई राधा हो गई जब से पराई आज एक खत लिखा चांद को, तुमसे भी खूबसूरत है कोई!! ❣❣❣ शिखर तक…

ललित सरिता

जीवन ज्योति की एक ललित सरिता बहे सुंदर सुकोमल कविता बने, हो चहुँ ओर प्रकाश फैला हुआ मेरी लेखनी में वो बात रहे। नहाए हुए…

गुनाह

जब दिल में दर्द सा उठा एक तीर सा चुभा, जो कल था मेरी निगाहों से मारा गया। आज मेरे ही दिल का कातिल बना।…

हिंदी दिवस

यादों के भरोसे कट रही है जिन्दगी बाकी तो मर ही चुकी थी प्रज्ञा’ तेरे इन्तज़ार में। हिंदी वो भाषा है जो हृदय की गहराईयों…

Aa jao….

अँधेरा होने से पहले आ जाओ इतने प्यार से बुलाया है आ जाओ जख़्म पे मरहम ना लगाओ ना सही जख़्म को हरा करने ही…

Pragya shukla sitapur shayri

मोहब्बत में कितने फलसफे लिखे मेरे खत तेरे तकिये के नीचे मिले बुला लो अगर बुलाना है वरना आ जाओ इस दिल में तुम्हारा ही…

जवाब की खोज में

जवाब की खोज में हमनें आसमान की…. ……..भी छान-बीन कर डाली….. ……….पर जब खुद को टटोला तो…… …….हर प्रश्न पर ही प्रश्नचिन्ह लग गया…

शाम और हम

शाम और हम… जब एक साथ होते हैं क्या कहे वो पल- छिन हम कैसे जीते हैं याद में कट जाती है पूरी रात और…

हिम तरंगिणी

पहाड़ों के अंचल से निकली है हिम तरंगिणी काव्य की सरिता बहाने निकली है हिम तरंगिणी। —- 32 प्रबुद्ध कवियों के साझा काव्य संकलन हिम…

मुक्तक

1 मेरे दिल से खिलवाड़ ना कर.. मैं तूफान का जलजला हूँ मुझसे प्यार ना कर.. 2 बढ़ती उम्र के साथ जिद समझौतों में बदल…

मेहंदी

तेरे नाम की मेहंदी लगा रखी है। तुझसे मिलने की बेचैनी दिल में छुपा रखी है। आओगे तो घूंघट ना खोलूंगी दरबान बना करके मैने…

(शायरी)

1) क्यों मजबूर हुए हम ये कभी सोंचा है?? मेरा गुरूर तो तुम्हें दिखता है वक्त मिले तो कभी सोंचना जरूर ! ये मासूम सा…

अभिमान

इतना घमंड क्यों भरा है इन्सान में मत जियो अभिमान’ में। नफरत की बेल इतनी क्यों चढ़ा रखी है कांटों की सेज क्यों बिछा रखी…

चांद की गोद में

ये वादियां ये फिजाएं क्यों बुलाती हैं मुझे जाने क्यों इतनी मोहब्बत जताती हैं मुझे। इन फिजाओं में लिपटी हुई मोहब्बत है मेरी दुआओं में…

चादर

सपनों की धूप में हम अपनी चादर सुखा रहे थे तेरे दिखाये हुए रास्ते में हम फूल बिछा रहे थे तेरी बेचैनी बढ़ गई थी…

शबनम

सबसे छुपा कर रखा है तुझको तू किसी और का ना हो जाये डर लगता है मुझको धूप की चादर हो चाहे शबनम की फुहार…

शिकायत

शिकायतों के पुलिंदे……. ……….अगर खोलना चाहोगे ? उस हुजूम में ……….. …….सबसे आगे मुझको पाओगे

शायरी।।

इन नशीले नैनों से सम्मोहित करके कत्ल कितनों के किए होंगे तुमनें…. हादसों का शिकार हो गया मेरा प्यार भी किसी और का हो गया

रोको मत

मत रोको !!!! जाने वाले को जाने दो 🤗 उसको भी अपनी औकात समझ में आ जाएगी।❣ लौट के फिर वो आएगा आपके पास…. ….जब…

Khayal

उसके होंठों को जब तुमने प्यार से चूमा होगा । ❤ खयाल एक पल को मेरा भी तो आया होगा । ❤

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