उससे रिश्ता नहीं रहा लेकिन….
उससे रिश्ता नहीं रहा लेकिन उसका खयाल हर वक्त रहता है वो मेरे दिल उतर गया है जरूर उसका रुआब आज भी रहता है मेरी…
उससे रिश्ता नहीं रहा लेकिन उसका खयाल हर वक्त रहता है वो मेरे दिल उतर गया है जरूर उसका रुआब आज भी रहता है मेरी…
नहीं याद करेंगे तुझे हर बार ये प्रण लेते हैं पर मन हम को छल जाता है। तेरा मासूम सा चेहरा जब भी सामने आता…
आज एहसास ये हुआ की मैं कितनी अकेली हूँ, सजल जल नैन भर बरसे दुख की मैं सहेली हूँ। कहाँ है प्रीत का सावन?? कहाँ…
जिंदगी भर काम आया मेरा तमीजदार रहना बस कुछ बदतमीजों की खातिर हम बदजुबान हो गए। दिन की शुरुआत ऐसा करो जैसे ये तुम्हारा पहला…
मोहब्बत हो गई है तुमसे चांद हमारी बात ना माने जुगनू, सितारे ठिठोली करते सब हैं मेरी दुविधा जाने पीर प्रेम में ऐसी होवे दिल…
लिखने पर जब इतना सम्मान मिला तो समझ आया, हुनर बेकार नहीं जाता। जिगर में जलाए रख गम का चिराग सच्चा आँसू बेकार नहीं जाता।
श्याम ने बंसी नहीं बजाई राधा हो गई जब से पराई आज एक खत लिखा चांद को, तुमसे भी खूबसूरत है कोई!! ❣❣❣ शिखर तक…
न जाने कहां ले जा रही है जिंदगी.. जाने क्या चाहती है मुझसे यह जिंदगी?? खुद को जितना गमों से दूर रखती हूं, उतना ही…
जीवन ज्योति की एक ललित सरिता बहे सुंदर सुकोमल कविता बने, हो चहुँ ओर प्रकाश फैला हुआ मेरी लेखनी में वो बात रहे। नहाए हुए…
जब दिल में दर्द सा उठा एक तीर सा चुभा, जो कल था मेरी निगाहों से मारा गया। आज मेरे ही दिल का कातिल बना।…
यादों के भरोसे कट रही है जिन्दगी बाकी तो मर ही चुकी थी प्रज्ञा’ तेरे इन्तज़ार में। हिंदी वो भाषा है जो हृदय की गहराईयों…
अँधेरा होने से पहले आ जाओ इतने प्यार से बुलाया है आ जाओ जख़्म पे मरहम ना लगाओ ना सही जख़्म को हरा करने ही…
मोहब्बत में कितने फलसफे लिखे मेरे खत तेरे तकिये के नीचे मिले बुला लो अगर बुलाना है वरना आ जाओ इस दिल में तुम्हारा ही…
किताबों पे पड़ी धूल को कब से झाड़ा नहीं मैने आँगन को भी बुहारा नहीं बाल गंदे हो जाएँगे, रंग दब जायेगा, इसलिये कभी किसी…
बे इन्तेहा मोहब्बत करते हैं ये हम बहुत गलत करते हैं तू मेरे कदमों के लायक भी नहीं और हम तुझे सर पर बिठा कर…
जवाब की खोज में हमनें आसमान की…. ……..भी छान-बीन कर डाली….. ……….पर जब खुद को टटोला तो…… …….हर प्रश्न पर ही प्रश्नचिन्ह लग गया…
तू कांच का टुकड़ा है मैं तेरी टूटी तकदीर, तू फटा हुआ कागज मैं नाव बदनसीब। तू रेल सी चलती है और मैं वक्त हूँ…
ये तो दिल ही जानता है हम तुम बिन कैसे रहते हैं तुम्हें किसी और के साथ देखते हैं ये दर्द कैसे सहते हैं दिन…
अकेले चलने से डर लगता है साथी साथ चलो मेरे मुझे अंधेरे से डर लगता है बाहों में लेकर रोज झूमते हैं तुम्हें तुम्हें खोने…
बहुत हुआ रूठना अब मान जाओ ना यूँ दूर दूर रह कर दिल जलाओ ना बरसात है रुत जवाँ है अब आ भी जाओ यूँ…
तेरी आँखों में देखकर मैं दुनिया भूल जाता हूँ तेरी तस्वीर को देखकर मैं बेख्याल हो जाता हूँ
शाम और हम… जब एक साथ होते हैं क्या कहे वो पल- छिन हम कैसे जीते हैं याद में कट जाती है पूरी रात और…
झूठ के बाजार में मिला नहीं, माजरा क्या है, तू हिला नहीं। अजय अमिताभ सुमन
पहाड़ों के अंचल से निकली है हिम तरंगिणी काव्य की सरिता बहाने निकली है हिम तरंगिणी। —- 32 प्रबुद्ध कवियों के साझा काव्य संकलन हिम…
तुम्हें गले लगाकर रोना था इतना तो मेरा हक बनता था। हाथ पकड़ के कुछ दूर तक चलना था इतना तो मेरा हक बनता था।…
खुद से पहले दूसरों का खयाल रखना प्यार सिखाता है । इज्ज़त से पेश आना प्यार सिखाता है। मन हो या ना हो फिर भी…
अगर ऐसा होता कि तुम हमारे होते मेरे पैरों तले फिर चांद सितारे होते छू लेते हम वो आसमान भी बाँहें फैलाकर तकदीर में लिखे…
जरूरत से ज्यादा तुझसे प्यार करते थे बेवकूफ थे वो लोग जो तुझसे प्यार करते थे क्या है तुझमे!! और क्या खास है तू?? जो…
1 मेरे दिल से खिलवाड़ ना कर.. मैं तूफान का जलजला हूँ मुझसे प्यार ना कर.. 2 बढ़ती उम्र के साथ जिद समझौतों में बदल…
मोहब्बत की इबादत मैने हर बार की है कभी कभी प्यार में तकरार भी की है मिलो अगर कभी तन्हा तो बता देंगे तुम्हें, प्रज्ञा’…
मोहब्बत इतनी ना करो कि पागल हो जाओ इस नूरानी चेहरे के अलावा भी मेरे और रूप हैं।।
लोगों की भीड़ मुझे कब पसंद आई है भर आई आँख मेरी जब तेरी याद आई है तन्हा कर देती हैं यादें” मुझे फिर मैं…
बंद कलम की आहट भी …..आजकल सुन लेती हूँ…. …….जब से सिर्फ खुद से….. मोहब्बत कर ….. बैठी हूँ!!! ❤❤
एक अर्से से… सम्भाल रखा है… ….इन पत्तों को क्योंकि …..इसी पर तुमने मोहब्बत लिखी थी…!!!
तुमने कहा- ….मेरी इबादत करोगे लाज आ गई !!!! तुम्हारी बात सुनकर…..😊
तेरे नाम की मेहंदी लगा रखी है। तुझसे मिलने की बेचैनी दिल में छुपा रखी है। आओगे तो घूंघट ना खोलूंगी दरबान बना करके मैने…
मैं राधा तू कृष्ण बन जा हर नब्ज में लहू बन के रम जा। उदास राहों में भी पुष्प बिछा दूँगी मैं ! अगर तू…
1) क्यों मजबूर हुए हम ये कभी सोंचा है?? मेरा गुरूर तो तुम्हें दिखता है वक्त मिले तो कभी सोंचना जरूर ! ये मासूम सा…
इतना घमंड क्यों भरा है इन्सान में मत जियो अभिमान’ में। नफरत की बेल इतनी क्यों चढ़ा रखी है कांटों की सेज क्यों बिछा रखी…
ये वादियां ये फिजाएं क्यों बुलाती हैं मुझे जाने क्यों इतनी मोहब्बत जताती हैं मुझे। इन फिजाओं में लिपटी हुई मोहब्बत है मेरी दुआओं में…
जब दुनिया पर गौर करो तो अपना अस्तित्व नजर आता है भूल हो जाए तो हर शख्स रूठ जाता है अच्छाई कहाँ याद रहती है…
सपनों की धूप में हम अपनी चादर सुखा रहे थे तेरे दिखाये हुए रास्ते में हम फूल बिछा रहे थे तेरी बेचैनी बढ़ गई थी…
सबसे छुपा कर रखा है तुझको तू किसी और का ना हो जाये डर लगता है मुझको धूप की चादर हो चाहे शबनम की फुहार…
शिकायतों के पुलिंदे……. ……….अगर खोलना चाहोगे ? उस हुजूम में ……….. …….सबसे आगे मुझको पाओगे
Mera guroor hi tod diya tumne… Kitna naaaz tha tum par….😞 आओ लौट चले पुराने कल में, कोई बाधा ना हो जीवन में……
इन नशीले नैनों से सम्मोहित करके कत्ल कितनों के किए होंगे तुमनें…. हादसों का शिकार हो गया मेरा प्यार भी किसी और का हो गया
रुठे रुठे से हुजूर नजर आ रहे हैं हमें बेवफा बताकर शायद किसी के घर जा रहे हैं कानों की बाली खो गई है उनकी…
मानवीय अलंकार से सुसज्जित:- दिलनशी शाम के सवेरे हैं वायु में मद घुली हुई है शहर का कोलाहल शांत है देखो ! शबनम भी नहा…
मत रोको !!!! जाने वाले को जाने दो 🤗 उसको भी अपनी औकात समझ में आ जाएगी।❣ लौट के फिर वो आएगा आपके पास…. ….जब…
उसके होंठों को जब तुमने प्यार से चूमा होगा । ❤ खयाल एक पल को मेरा भी तो आया होगा । ❤
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