Categories: शेर-ओ-शायरी
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कागज पे हालाते-दिल लिखते हुये इक दिन मौत आ जानी है मुझे मरते , तड़पते , बिलखते हुये इक दिन मौत आ जानी है !!…
गजल- भूख के मारे हुये है |
गजल- भूख के मारे हुये है | भूख ले आई शहर हम भूख के मारे हुये है | छोड़ चले शहर को हम भूख के…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
जय शिवशंकर गौरीशंकर
जय शिवशंकर गौरीशंकर पार्वतीशिव हरे-हरे (2) रामसखा प्रभु राम के स्वामी, विष्णुवल्लभ भोलेनाथ । जय शिवशंकर गौरीशंकर, पार्वतीशिव हरे-हरे (2) ।।1।। कैलाशपति प्रभु औढ़रदानी, नीलकंठ…
प्रेम
मेरी लेखनी में अभी जंग लगा नहीं। प्रेम के सिवा दूजा कोई रंग चढ़ा नहीं। प्रेम में लिखता हूँ, प्रेम हेतु लिखता हूँ। प्रेम पर…
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