Jivan ke is rah me
जीवन के इस राह में,
कौन है अपना कौन पराया,
जो साथ दिया हो दुख में,
उसे ही तुम अपना समझो,
जो झटक दिया हो दुख मे,
उसे ही तुम पराया समझो,
कुछ ऐसे भी लोग होते हैं
जो वाणी में मिठास रखते हैं
पर दिल में खराश रखते हैं,
कभी खून का रिश्ता भी
हो जाता है पराया,
कभी पराया भी हो जाता है अपना,
बस अपनों को अपनाते चलो,
जो झटक दिया हो दुख में,
उसे तुम त्यागते चलो |
वाह
Thanks
Nice
Thanks
Khub kha
Thanks
Sunder
Wah
ज़िन्दगी का सफ़र