आपकी नज़रे इनायत

January 4, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

मतला ….
हो बला की खूबसूरत क्या गजब की बात है
खो गया हूँ हुस्न में ये तो सुहानी रात है

आप से मिल कर के अब भी ये ही लगता है मुझे
हो गयी मुझको मोहब्बत आप में क्या बात है

आइना कहने लगा है अक्स क्यों फीके से हैं
हूँ अगर मैं अक्स तो क्यूँ देखता जज्बात हैं

हो सके तो आप भी आना कभी मेरी तरफ
हैं घटायें झूमती और हो रही बरसात है

ख्वाब भी देखें हैं हमने रात को कुछ इस तरह
आप की नजरे इनायत हो सके तो बात है

…..आभा