ये दिल हर एक पे निसार मत करना

January 7, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

ये दिल हर एक पे निसार मत करना ,

क्या खबर किस जगह
पे रुक जाये सास
उसका एतबार मत करना

आईने की नज़र न लग जाये इस तरह से श्रृंगार मत करना
……..@आजीज शेख…।