Ashish Sharma
मौत ने तोहफा दिया ज़िन्दगी
December 11, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता
मौत ने तोहफा दिया ज़िन्दगी
मिल जाए तो सवरती बिखरती
कट जाती है रो रो कर
गुजरती लम्हे सी
हस्ती दिल खोल
बोलती सोच कर
ये मौत ही देती है ज़िन्दगी
देती तोहफे हज़ार इक बार
न जाने कभी हक़ीक़त जीए
ख्वाब बन,या जीया इक
अफसाना,फ़साने की राह पर
तुम मरे ,मरे पल पल
जीते रहे मर मर कर
तोहफे में तोहफा मरने का दिया जिंदगी
जब वक़्त की रेत जिस्म को खोखली कर
रूह को आज़ाद कर रही
तब मौत ने अपनाया
तोहफे से न ललचाया
न उलझा फिर ज्ञान आया
माया मोह बंधन छोड़ आया
अब जीने लगा आशीष जैसे जिंदगी
मौत ने तोहफा दिया जिंदगी
Regards,
Ashish sharma
Kota(raj.)