।।जुर्रत।।

June 14, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

दर्द इतना है कि कराह रहा हूँ ।
जतन खूब किए मगर हार रहा हूँ ।
गम करना था अपने हालातों पर मुझे ।
मगर मेरी जुर्रत तो देखो, मुस्कुरा रहा हूँ ।।