Dhruv
हीरा
June 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी
सिक्के इकट्ठा करके कोई धनवान नहीं होता।
एक हीरा हीं काफी है जहाने अमीरी के लिए।।
दीदार -ए-माहताब
May 4, 2020 in शेर-ओ-शायरी
नजरें चाह रही दीदार-ए-माहताब का
नाचीज़ को क्या पता अमावस भी होती है।
भगवान भी सो रहा
April 29, 2020 in शेर-ओ-शायरी
विलख रही धरती
आसमान भी रो रहा।
देख के अनाचार को
भगवान भी सो रहा।।
मानवता की पहचान
April 26, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता
कहाँ खो गई तेरी इन्सानियत
ओ इन्सान कहलाने वाले।
गन्दी हो गई क्योंकर नीयत
ओ इन्सान कहलाने वाले।।
हर सुख सुविधा भोजन पानी
सुलभ तुम्हारे घर में है।
फिर काहे का झगड़ा भैया
बोले आज डगर में है।
जानवरों की भी एक मर्यादा होती
तुम तो आखिर इन्सान हो।
“ध्रुवकुमार’ कुछ ऐसा करो
जो मानवता की पहचान हो।
कैरोना
March 19, 2020 in Other
ये वाईरस कैरोना का
बना महामारी भयंकर है।
दिखे उपाय बचने का
स्वच्छ और शुद्ध जो नर है।।
रखो सब पे सहानुभूति
पर रहना सबसे बचकर है।
धोकर हाथ रहना सब
मिलाना हाथ ना कोई।
खुद को दूर रख इतना
छींकता खाँसता हो कोई।।
मिले ना संग औरोँ का
तुम्हारी सांस सांसों से।
कैरोना दूर भागेगा
सकल संसार रासों से।।
यही संकल्प है बन्धु।
यही विकल्प है बन्धु।।
शोभा
March 13, 2020 in शेर-ओ-शायरी
शोभे सरोवर राजहंस से
बगिया शोभे कोयलिया से।
ज्ञानी जन से सभा की शोभा
दुनिया शोभे मधुर बोलिया से।।
दिल का भाव
March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी
कोई छंद नहीं
पदबन्ध नहीं।
तुकबंदी का है प्रबंध नहीं
दिल के भाव को लिखता हूँ
चाहे कवियों को हो पसन्द नहीं।।
चोट अपनों का
March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी
चोट अपनों के फूलों ने जो दिल को दिया,
गैर के पत्थरों में वो दम था कहाँ।
मगन में
March 12, 2020 in शेर-ओ-शायरी
चांद बनकर चमकती रहो नित गगन में।
देखकर हीं मेरा मन रहेगा मगन में।।
होली
March 6, 2020 in शेर-ओ-शायरी
आया रंग बिरंगी होली का त्योहार मेरे यारा।
आज खुशियों के रंग रंगदार मेरे यारा।।
होली
March 6, 2020 in शेर-ओ-शायरी
आया रंग बिरंगी होली का त्योहार मेरे यारा।
आज खुशियों के रंग रंगदार मेरे यारा।।