मैं समय हूँ !

July 18, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मैं शांति नहीं
युद्ध भी नही हूँ
मैं रावण नही
मैं बुद्ध भी नही हूँ
मैं हिंसा भरी तलवार नही हूँ
मैं प्रियतम का शृंगार नही हूँ
मैं हार की दुखद व्यथा नही हूँ
मैं जीत की अद्भुत गाथा नही हूँ
नही हूँ मैं वाणी संतो की
मैं पापियों का अहंकार नही हूँ
मैं दीप नही हूँ मंदिर का
मैं मस्जिद की पुकार नही हूँ
मैं शून्य हूँ,
मैं अस्तित्व नही हूँ
आत्मा हूँ मैं
कोई व्यक्तित्व नही हूँ
मैं सार हूँ
मैं विस्तार नही हूँ
मैं बिंदु हूँ एक अंत: केंद्र में
मैं सारा संसार नही हूँ
मैं बस मैं हूँ
मैं गति हूँ, मैं दिशा हूँ
मैं प्रभात हूँ, मैं निशा हूँ
मैं बस मैं हूँ
मैं समय हूँ …..