by Happy

असफलता

August 28, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

वक़्त के साथ सब कितने बदलने लगे
हम वहीं थे वहीं से फिर चलने लगे… हैप्पी

by Happy

मंज़िल

August 23, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

ऐ मंज़िल तुझ तक जाने में
कई राह छूट गयीं कुछ यारी टूट गयीं
मगर लिये उम्मीद चला मैं, लगता है वह सारी रुठ गयीं
अभी हूँ अकेला कभी बहुत थे साथ आने में
ऐ मंज़िल तुझ तक जाने में….. हैप्पी

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