ज़िंदगी

May 18, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता

ज़िंदगी कभी हमारी पहचान है

कभी ये हमसे अनजान हैं

ये एक ख्वाहिश, एक अरमान है

समझ नहीं आता इसे कैसे जीएं

कभी ये मुश्किल, तो कभी आसान है।