नाराज

May 27, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

अगर मैं तुम्हारे आँखों के ठहरे हुये पानी से
मेरा नाम पूंछू तो तुम नाराज तो नहीं होगे न ?

सरहद

May 27, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

मैं सोचती हूँ
अगर सियासतदानों ने ऐसे फैसले न किये होते
तो आज हम ईद-दिवाली सरहदें तोड़कर मानते… !

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