तिरंगा

August 14, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

आजादी की शान तिरंगा।

तोड़ तिलस्म अंग्रेजों की ,

लेकर आया नवविहान तिरंगा।

शमां ए वतन की लौ  पर कुर्बान तिरंगा ।

हर हिन्दूस्तानी की जान तिरंगा।

आजादी के इस पावन पर्व पर

आओ मिल कर सब गाए मेरी आन बान शान तिरंगा।

 

किशोर कुमार झा।

मुखर्जी नगर,

दिल्ली -110009

 

 

इश्क और भूगोल

August 13, 2016 in Other

प्रशांत महासागर सी अनंत विस्तार लिए हुए तुम्हारे इश्क़ में
मेरियाना ट्रेंच सी गहराई महसूस होती है ।
एवरेस्ट की ऊँचाई जैसी हमारी आकांक्षाओं को जब तुम 8848 मीटर से देखती हो तो बरबस ही मेरी निगाहें सागर की प्रवाल भित्तियाँ सी तुम्हें निहारती है …
मेरी और तुम्हारी दूरी के बीच फ़ासला इन्दिरा कौल से लेकर इन्दिरा पॉइंट तक है
पर हमेशा लगता है की तुम मेरी इर्द गिर्द ही हो ।

मैं तुम्हें ठीक वैसे ही फॉलो करता हूँ जैसे चंद्रमा पृथ्वी को करता है ।
कभी कभी तुम नाराज हो जाती हो तो लगता है जैसे तुम्हारे अंदर क्लोरोफ़्लोरोकार्बन और नाइट्रस ऑक्साइड की मात्रा बढ़ गयी हो ।
और तुम अब बस मेरे दिल के ओज़ोन परत को छलनी करने ही वाली हो
लेकिन तभी तुम्हें मैं मांट्रियल और क्योटो प्रोटोकाल की कसमें देकर मनाता हूँ।
और तुम चुपचाप विकासशील देश जैसी मुझे सुनती हो और ये सिलसिला फिर कोन्फ्रेंस ऑन पार्टी की तरह हर साल चलता है ……कभी न ख़त्म होने वाली बैठकों की तरह ……………..

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