सैनिक

July 5, 2020 in Poetry on Picture Contest

प्रिय सैनिक,

जो तुम हो तैनात सीमाओं पर,
तो हम हैं निश्चिंत घरों घर।

है तुम्हारी रडार सी पैनी नजर ,
तो हमारे नैनो में बसता है सुकुं प्रति पहर।

तुम निभाते हो ड्यूटी अति कठोर,
तो हम हो जाते हैं चिंता मुक्त हर ठौर।

इस चित्र कविता कांटेस्ट से है प्रेषित,
हमारा कोटि कोटि नमन तुम्हारी ओर।