तेरे दुःख मेरा कर्ज

June 1, 2017 in Other

मेरे जीवन का किसान बनकर,
तूने सफलता के बीज़ बोए |
अपने सपने बेचकर तूने,
मेरे मामूली ख़्वाब संजोए |

अक्षर का शुरूआती ज्ञान￰￰ देकर
मुझे अपना शिष्य बनाया |
अपना पेट काट -काट कर ,
तूने मेरा भविष्य सजाया |

अंको का लालच बहुत था मुझे ,
रात – रात जागना होता था |
तेरी नींद अचानक खुलती ,
न चाहते हुए भी सोता था |

एक तेरा साथ रहा ,
तभी तो मेरा आज है |
पूरा श्रेय मुझे दे दिया ,
कहा , “तू ही तो मेरा नाज़ है”|

दुनिया जब भी विरोध में थी ,
तूने मेरा साथ दिया है |
किसी का भी भरोसा न था ,
उस पल तूने विश्वास किया है |

जब -जब मुझे ठोकर लगी ,
तेरी आँखे रोती थी |
टुकड़ो – टुकड़ो में मैं सोता था ,
तेरी आंखे न सोती थी ||

©moHiT