Zindagi

June 16, 2023 in Other

एक दिन सपना नींद से टूटा खुशी का दरवाजा फिर से रूठा

मुड़ कर देखा तो वक्त खड़ा था जिंदगी और मौत के बीच पड़ा था

दो पल ठहर के मेरे पास वह आया पूछा मिली थी जो खुशी उसे क्यों ठुकराया

ऐसे में जब मैं हल्का सा मुस्कुराया नजरें उठाई और तब सवाल ठुकराया

जवाब सुनकर वह भी रोने लगा कहीं ना कहीं मेरे दर्द में खोने लग

मेरे भाई हसा नहीं कभी खुद के लिए जिया हो जिंदगी पर ना कभी अपने लिए

इस खुशी का एक ही इंसान मोहताज था मेरी जान मेरी धड़कनों का वो ताज था

खत्म हो गया जो किस्सा वह file क्यों करूं जब वजह ही नहीं रही तो बता smile क्यों करूं