पैमाना

October 6, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

न जाने किस पैमाने में तोला करते हैं वो मोहब्बत,
लुट गए उनकी वफ़ा में फिर भी न क़ाबिल-ऐ-ऐतबार ही रह गए…